तख़तपुर
ब्यूरो- तख़तपुर के ग्राम पंचायत परसदा में शासकीय भूमि को सरपंच द्वारा प्लाटिंग कर अवैध पट्टा बाँटे जाने का मामला सामने आया है।जानकारी होने पर ग्रामीणों ने विरोध करते हुए एसडीएम और विधायक श्रीमती रश्मि आशीष सिंह के पास शिकायत किया है।एसडीएम द्वारा संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है,जिसका जवाब सरपंच द्वारा प्रस्तुत किया जा चुका है।अब गेंद प्रशासन के पाले में है आगे क्या कार्यवाही करता है
।ग्रामपंचायत परसदा में हाउसिंग बोर्ड के पास ही 7से8 एकड़ शासकीय भूमि पर सरपंच द्वारा प्लाटिंग कर पैसे लेकर अवैध पट्टा बाँटे जाने की शिकायत ग्रामीणों द्वारा की गई है ।अपने शिकायत में ग्रामीणो ने कहा है कि सरपंच द्वारा ग्राम की शासकीय भूमि को पटवारी और तहसीलदार से मिली भगत कर अवैध पट्टा बाँटा जा रहा है।जबकि सरपंच को आवासीय पट्टा बाँटने का अधिकार ही नही है।शिकायत पर एसडीएम कोटा आनंदरूप तिवारी ने सरपंच संतराम लहरे और सचिव राम लाल सिंगरौल को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए अवैध पट्टा बांटने पर धारा 40 के तहत पद से हटाने की बात कही थी। एसडीएम की नोटिस के जवाब में सरपंच संतराम लहरे ने अपना जवाब दे दिया है, जिसमे उसने बताया है कि अतिरिक्त कलेक्टर राजस्व के 26 अक्टूबर 2019 के आदेश द्वारा आम निस्तारी भूमि को आबादी घोषित कर आवसीय भूमि के रूप में गरीबो को पट्टा देने के आदेश के आधार पर पट्टा वितरण किया जाना बताया है।सरपंच के इस जवाब के बाद अब प्रशासन के ऊपर निर्भर है कि वह प्रकरण की जांच किस तरह करता है और दोषियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही करता है।
क्या है मामला
ग्राम पंचायत परसदा सकरी से लगा हुआ है और जिस जमीन पर अवैध प्लाटिंग की बात सामने आई है वह प्राइम लोकेशन में है।इसके कारण उसका मूल्य करोड़ो का हो सकता है। इसी जमीन के खसरा क्रमांक 3/3 में।से 2.5 एकड़ का निस्तार परिवर्तन कराकर आबादी जमीन के रूप में परिवर्तन कराया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच लोगो से डेढ़ से दो लाख लेकर पट्टा बाँट रहा है।जबकि पंचायत राज अधिनियम में सरपंच को आवासीय पट्टा बाटने का अधिकार ही नही है। वह केवल ग्राम पंचायत से प्रस्ताव बनाकर राजस्व में भेजेगा फिर कलेक्टर के अनुमोदन से तहसीलदार हितग्राहियों के नाम से पट्टा बनाकर वितरण कराएगा।लेकिन इस मामले में सरपंच स्वयं का हस्ताक्षरित पट्टा गाँव वालों को बाँट रहा है।गाँव वालो को इस बात पर आपत्ति तो है ही।इस बात की भी शिकायत है कि 2.5 एकड़ को न बाँट कर पूरे जमीन पर प्लाटिंग की जा रही है जिसका रकबा लगभग 7 से 8 एकड़ है।इससे गाँव वालों को सरपंच द्वारा अवैध प्लाटिंग का कर शासकीय भूमि को बेचे जाने का अंदेशा है।जिसकी शिकायत की गई है।
सरपंच संतराम लहरे का कहना है कि गांव से 80 एकड़ जमीन को शासकीय उपयोग के लिए अधिग्रहित कर लिया गया है। इससे गांव वालों को किसी भी प्रकार का कोई फायदा नहीं हुआ है। अब गांव की बढ़ती जनसंख्या के कारण शासकीय भूमि को नियमानुसार कलेक्टर कार्यालय से आम निस्तारित से आबादी में परिवर्तित कराकर गांव के गरीब और भूमिहीन लोगों को आवासीय पट्टा दिया जा रहा है, तो इसमें कुछ लोगों को आपत्ति हो रही है। पैसे लेने की बात गलत है सरपंच को पट्टा बांटने का अधिकार है या नहीं इस नियम की जानकारी मुझे नहीं है। किंतु मैं जो भी कर रहा हूं गांव के गरीबों के हित के लिए कर रहा हूं।
गाँव के उपसरपंच जागेश्वर यादव का कहना है कि सरपंच संतराम लहरे द्वारा 7 से 8 एकड़ शासकीय भूमि को अवैध तरीके स्व प्लाटिंग कर बेचा जा रहा है।गाँव वालो का कहना है कि आबादी कराया गया है।कितनी जमीन की आबादी हुई ,हुई भी है या नही इसकी जानकारी नही है।
इस विषय मे ग्रामीण शिवकुमार वस्त्रकार का कहना है कि पूर्व सरपंच और उसके पति वर्तमान सरपंच द्वारा गाँव में बिना किसी सूचना और मुनादी के अवैध पट्टा लोगो से 50 हजार से दो लाख रुपये लेकर बाँटा जा रहा है।जबकि उसे पट्टा बांटने का धिकार नही है।साथ ही इसी जमीन के कॉलोनी पीछे की ढाई एकड़ जमीन को भी राजेश देवांगन नाम के बिल्डर को बेच दिया गया है।
एसडीएम ने लिया स्वयं संज्ञान
एसडीएम कोटा आनंद रूप तिवारी ने इस मामले को स्वयं से संज्ञान में लिया है ।दरअसल कोटा से बिलासपुर वापस होते समय प्लाटिंग के लिए डब्ल्यूबीएम सड़क बनाते हुए देख कर लोगों से पूछा तो लोगों ने अपनी शिकायत एसडीएम आनंदरूप तिवारी से की।इस पर एसडीएम ने तत्काल पटवारी सचिव और जनपद के सीईओ फोन लगाकर मामले की पूरी जानकारी ली साथ ही गंभीरता से जांच करने की बात कही। सरपंच को नोटिस जारी किया तथा सचिव के निलंबन की कार्यवाही के लिए सीईओ तखतपुर को निर्देशित किया।सरपंच के जवाब के बाद आगे क्या कार्यवाही हुई इसकी जानकारी के लिए एसडीएम को फ़ोन लगाया मगर वे प्रवासी मजदूरों के आने और उनकी व्यवस्था में होने के कारण जवाब नही देख पाने तथा आगे जवाब देखने के बाद उसके अनुसार कार्यवाही करने की बात कह रहे है।