बिलासपुर
राजीव दुबे
तख़तपुर –
हिंदू धर्म के 16 संस्कारों में से एक उपनयन संस्कार के सामूहिक उपनयन संस्कार का आयोजन सकरी स्थित वन चेतना केंद्र में सरयूपारीण ब्राह्मण समाज सकरी परिक्षेत्र के द्वारा किया गया इस आयोजन में 22 बटुकों का उपनयन संस्कार कराया गया।

हिंदू धर्म में प्रचलित 16 संस्कारों के अंतर्गत आने वाले उपनयन संस्कार जिसे व्रतबंध भी कहा जाता है का आयोजन सकरी स्थित वन चेतना केंद्र में किया गया । सरयूपारीण ब्राह्मण समाज सकरी परिक्षेत्र के द्वारा आयोजित इस व्रतबंध संस्कार में 22 बच्चों का उपनयन संस्कार कराया गया। 22 बच्चों को उपनयन संस्कार आचार्य हितेश पांडेय के द्वारा कराया गया। बटुकों का उपनयन संस्कार कराने वाले आचार्य हितेश पांडेय ने बताया कि उपनयन संस्कार हिंदुओं के सोलह संस्कारों में से एक है। इसे ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य बालको को 8 से 12 साल की उम्र में करा देना चाहिए। इसे करने के बाद ही ब्राम्हण बालक को यज्ञ पूजन अनुष्ठान आदि कर्म कराने का अधिकार प्राप्त होता है। इसके अंतर्गत बच्चों का सामाजिक लोकाचार के अनुसार हरिद्रा लेपन आदि कर मुंडन करते हैं और उसके पश्चात जनेऊ धारण कराया जाता है। इस प्रकार ब्राह्मण बालक उपनयन संस्कार या व्रतबंध के पश्चात द्विज कहलाने का अधिकारी हो जाता है।

आयोजक समिति के अध्यक्ष राजेश तिवारी ने बताया कि यहाँ 22 बटुकों का सामूहिक रूप से उपनयन संस्कार कराया गया है।इसमे अमीर गरीब सभी के बच्चों का उपनयन संस्कार एक समान भाव से किया गया। इस सामूहिक उपनयन संस्कार का उद्देश्य समाज में अमीर गरीब के भेदभाव को मिटाकर सामाजिक सहयोग के साथ कार्यक्रम का आयोजन करने की प्रेरणा देना था।
आज के आयोजन में मुख्यातिथि महंत श्री रामरूप दस हरिहर केदार क्षेत्र मदकुदीप ,सक्रिय भूमिका में सरयूपारीण ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष राजेश तिवारी ,उपाध्यक्ष ध्रुव दुबे अविनाश चौबे , कोषाध्यक्ष कृष्ण कुमार तिवारी , सचिव जय जय शंकर तिवारी , दीपेश दुबे (बाबा), राकेश तिवारी, मोनू उपाध्याय, आचार्य हितेश दुबे, मंच संचालन महेन्द्र दुबे, व ब्राह्मण समाज के सदस्य गण उपस्थित रहे।