बिलासपुर
ब्यूरो –
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले को एनीमिया मुक्त बनाने को लगातार किया जा रहा कार्य
एनीमिया के उपचार के लिए की जा रही सिकलसेल की जांच गौरेला-पेंड्रा-मरवाही

गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में सिकल सेल और एनीमिया की सघन जांच की जा रही है।इसके पीछे का उद्देश्य जिले को इन बीमारियों से मुक्त कराना है।इसके लिए जिला कलेक्टर ने विशेष रुचि लेकर स्वास्थ्य और महिला एवं बल विकास विभाग को समन्वय बनाकर काम करने का निर्देश दिया है।

जीपीएम जिला को एनीमिया मुक्त करने की कवायद तेजी से जारी है। विगत दिवस जिले में 14 से 35 वर्ष के किशोरी एवम महिलाओं की होमोग्लोबिन की मात्रा की जांच कि गई है। जिसमें विकासखंड गौरेला से 34 मरवाही से 32 एवम पेंड्रा से 17 महिलाये गंभीर एनीमिक पाई गई। इतना ही नहीं गौरेला में 1,482 ,पेंड्रा में 468 और मरवाही विकासखंड में 534 मध्यम एनिमिक पाए गए हैं। सभी की उपचार पूर्व सिकलसेल की जांच की जा रही है ताकि एनीमिक होने के मुख्य कारणों की जानकारी लेकर सही उपचार एवं खानपान के उचित परामर्श से ठीक किया जा सके। एनीमिया के इतने अधिक केस मिलने से स्वास्थ्य विभाग काफी चिंतित है। उन्होंने एनीमिया को जिले से खत्म करने के लिए जांच लगातार किए जाने की बात कही। जिले की कलेक्टर नम्रता गांधी ने स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग को गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले को एनीमिया मुक्त बनाने के लिए आपसी समन्वय से मिलकर कार्य किए जाने के निर्देश दिए हैं। जिसके लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं। दोनों विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की पहल पर लोगों की लगातार जांच की जा रही है। कलेक्टर ने भी स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग को संयुक्त रूप से काम करके लगातार एनीमिया जांच करने की बात कही है।इस कार्यक्रम में स्वाथ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग की सक्रिय भागीदारी है। इसके साथ ही विगत शनिवार की भांति आज जिला चिकित्सालय गौरेला पेंड्रा मरवाही में मेडिकल बोर्ड द्वारा दिव्यांगजनों के लिए मेडिकल प्रमाण पत्र बनाने का कार्य भी किया गया है। कलेक्टर ने राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के अंतर्गत 15 से 22 मार्च 2021 तक कृमि मुक्ति की दवा वितरित किए जाने वाले कार्यों की लक्ष्य के अनुसार जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं ।

कोविड को लेकर भी बरती जा रही सतर्कता
एनीमिया जांच के दौरान कोविड को लेकर भी लगातार सतर्कता बरती जा रही है। एक तरफ जहां महिलाओं, बच्चों और बड़ों को मास्क लगाकार घर से बाहर निकलने और लगातार हांथों को धोने और सेनेटाइज करते रहने की बात कही जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ सभी कोविड-19 टीकाकरण कराने के लिए जागरूक किया जा रहा है। लोगों को बताया जा रहा है कि कोविड वैक्सीनेशन और कोरोना नियमों का सही से पालन करने पर ही कोरोना से जंग जीती जा सकती है।
