जीवन में निराश हो चुके लोगों के लिए आशा की किरण है ‘योग’ – योग गुरु संजय गिरि

बिलासपुर

ब्यूरो


हाई रिस्क ग्रुप के मरीजों को स्वस्थ रहने के लिए जितनी दवाइयों की जरूरत होती है उतनी ही आत्मविश्वास और दृढ़ इच्छाशक्ति की भी । जीवन से निराश हो चुके ऐसे लोगों के लिए आशा की किरण है योग । असाध्य रोगी इसे अपने समाधान के लिए अपनाएं । हाई रिस्क ग्रुप के मरीजों के मानसिक स्वस्थता के क्षेत्र में कार्य कर रही स्वयं सेवी संस्था “सेल्फ हेल्थ एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर ” बिलासपुर ने उन्हें योग- प्राणायाम सिखाने का साहसिक – अनोखा फैसला लिया है।


उक्त बातें पतंजलि योगपीठ से प्रशिक्षित योग शिक्षक व छत्तीसगढ़ योग एसोसिएशन के सदस्य संजय गिरि ने बीते गुरुवार को रेलवे आरटीएस ग्राउंड बिलासपुर में हाई रिस्क ग्रुप के मरीजों के स्वास्थ पर कार्य कर रही एक एनजीओ द्वारा आयोजित एक दिवसीय योग शिविर में कही।योग शिक्षक ने आगे बताया कि पतंजलि योगपीठ ने अपने रिसर्च व अभ्यासों से पाया है कि कुछ आयुर्वेदिक औषधियों व नित्य प्राणायाम के अभ्यास से न केवल मरीजों के CD4 ( इम्यून सिस्टम सेल) में बढ़ोतरी होती है बल्कि मरीज खुद को पहले से भी अधिक ऊर्जावान और खुशहाल महसूस करते हैं ।इस दौरान श्री गिरि ने मरीजों को ओउम व मंत्रों के सही उच्चारण करने के साथ उसके मानसिक लाभ बताते हुए कुछ प्रमुख प्राणायाम भ्रस्त्रिका, कपालभांति, अनुलोम- विलोम,भ्रामरी, उदगित व प्रणव ( ध्यान ) प्राणायाम के अभ्यास कराए और उनके लाभ बताए। जिसे सभी ने बड़े ही मनोयोग से किया। कार्यक्रम के आयोजक व संस्था के डायरेक्टर मनोज गुप्ता ने योग शिक्षक का आभार जताया। इस दौरान स्वयंसेवी संस्था सेल्फ हेल्थ एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर के समस्त स्टाफ व हाई रिस्क ग्रुप के मरीज उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन शांतिपाठ से किया गया।

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