बिलासपुर
अभिषेक सेमर –
किसी से यदि कहें कि क्या आपने कभी पीले ,गुलाबी रंग फूल गोभी का स्वाद चखा है।तो शायद वह यही जवाब दे कि चखना तो दूर हमने देखे भी नही है।लेकिन मल्हार के एक किसान द्वारा ऐसी ही गोभी की खेती की जा रही है।और इस खेती को लेकर वह क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।लोग कुतूहलवशउसके पास जाकर रंगीन गोभी की सब्जी खाना तो चाहते हैं ही खेती का राज भी जानना चाहते है ।

बिलासपुर से करीब 30 किमी दूर मल्हार अपने प्रसिद्ध डिडनेश्वरी देवी के मंदिर और ऐतिहासिक पूरातत्व स्थल के लिए तो जाना ही जाता है । अब उसे एक किसान जदुनंदन प्रसाद वर्मा के द्वारा की जा रही रंगीन गोभी की खेती के कारण भी अलग पहचान बन रही है।जदुनंदन अपने खेतों में सब्जी के रूप में पीले और गुलाबी रंग के गोभी उगाकर क्षेत्र के लोगो मे चर्चा का विषय बने हुए है।आम तौर पर बाज़ार में जो गोभी मिलता है वह सफेद या क्रीम के रंग का होता है।लेकिन जदुनंदन वर्मा ने बिना केमिकल के अपने खेतों के पीले और गुलाबी रंग के गोभी उगाकर सबको चकित कर दिया है।इसके लिए उन्होंने सिन्जेंटा कंपनी के बीज लेकर अपने 60 डिसमिल जमीन में फसल लगाया है ,जिसमे लगभग 300 पौधे हैं।इस खेती में वे किसी प्रकार का कृत्रिम रंग और रासायनिक खाद का प्रयोग नही करते है।इसका उत्पादन प्राकृतिक जैविक खाद से होता है और रंग भी प्राकृतिक ही हैं।

प्रायोगिक तौर पर रंगीन फूल गोभी का उत्पान अच्छा आने और इसे स्वादिष्ट होने के साथ साथ पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण अब वृहद स्तर पर उत्पादन करने की सोच रहे हैं।कृषि विशेषज्ञ आर के इस तिवारी का कहना है कि इस गोभी में एन्टी ऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते है।आम तौर पर बाज़ार में मिलने वाली गोभी में प्रोटीन की मात्रा कम होती है मगर इसमे प्रोटीन की मात्रा भरपूर है।इसके अलावा इसमे कैल्शियम फास्फोरस,मैग्नीशियम में जिंक आदि भी पाए जाते हैं ,जो बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं के लिए आवश्यक है। कीमत की बात करें तो यह कम रकबे में उत्पादित और नया होने के कारण थोड़ा महंगा है। मगर इससे होने वाली आय को देखते हुए अन्य किसान भी जब उत्पादन शुरू करेंगे तो इसकी कीमत आम गोभी की तरह ही हो जाएगा।