तख़तपुर
ब्यूरो – तख़तपुर से लगे ग्राम नगोई में एक किसान के खलिहान से अज्ञात चोर 47 कट्टी धान चुराकर ले गए।चोर 8 से 10 की संख्या में थे।पुलिस मामला दर्ज कर जांच में जुट गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नगोई निवासी चंद्रेश कौशिक पिता मनहरण नगोई के उद्यानिकी विभाग के सामने नया मकान बना रहा है।वही पर उसका खलिहान भी है।चंद्रेश ने 8-10 दिन पूर्व अपनी फसल काटकर अपने खलिहान में लाकर रखा था।व्यस्तता की वजह से उसे बोरीके नही भर पाया था।कल वह उन्हें 120 काटती में भरकर रखा था ।रात में 1 से 2 बजे के बीच अज्ञात 8 से 10 लोग पिक अप में आये और धान को पिक अप में भरने लगे।बाहर आवाज सुनकर घर के अंदर सो रहे किशोरों की नींद खुल गयी।खिड़की से बाहर देखे तो चोर धान की कट्टीयों पिकअप में भर रहे थे।यह देखकर किशोर डर गए और अंदर से ही शोर मचाने लगे ।इसे सुनकर चोर वहां से पिकअप लेकर भाग गए ।उनके भागने के दौरान एक लाल रंग की पैशन मोटरसाइकिल भी दिखाई दिया जिसमें भी चोर ही सवार थे।उनके भागने के बाद किशोरों ने अपने भैया को सूचना दी ।घर के बड़ों ने आकर देखा तो चोर 120 कट्टी धान में से 47 कट्टी धान लो पिकअप में लेकर भाग गए थे।सुबह होने पर इसकी सूचना तख़तपुर थाने में दर्ज कराई गई।पुलिस ने मामले में अपराध दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
रेकी कर चोरी करने की है संभावना
मामले में जो जानकारी मिली है उसके अनुसार जब तक चंद्रेश ने धान को बोरियों में नही भरा था, तब तक उसके धान खुले में भी सुरक्षित पड़े हुए थे।जैसे ही बोरियों में भरे गए चोरो ने रात में धावा बोलकर 47 कट्टी पर हाथ साफ कर दिया।इससे यही संभावना बलवती होती है कि चोर धान के बोरियों में भरे जाने का इंतजार कर रहे थे।और इसके लिए रेकी कर रहे थे।जैसे ही धान बोरी में भरे गए चोरो ने कोई देरी नही की और अपना काम कर गए।
पिछ्ले वर्ष भी हुई थी चोरियाँ,सक्रिय गिरोह दे रहा वारदात को अंजाम
किसान के खलिहान से धान के चुराए जाने का यह पहला मामला नही है।पिछले वर्ष भी कई स्थानों से किसानों के धान खलिहान ,घर और ट्रेक्टर से चोरी किये जाने की रिपोर्ट लिखाई गयी थी।मगर किसी भी मामले में चोर का कोई सुराग नही मिला था।और वे पकड़ से बाहर थे।अब फिर से धान के कटाई-मिसाई का समय आने के कारण चोर गिरोह फिर से सक्रिय हो गए है क्षेत्र में पहला हाथ नगोई मे मारा है।जब तक ये चोर पुलिस की पकड़ में नही आ जाते तब तक किसानों को सावधानी रखते हुए अपनी फसल उत्पादन को सुरक्षित रखने की आवश्यकता है।