तख़तपुर
ब्यूरो –
एक हफ्ते के बाद आज छत्तीसगढ़ के अधिकांश जिलों में लॉक डाउन खोल दिया गया।हफ्ते भर से घरों में बंद लोग बाजार में बेवजह भी घूमते दिखाई दिए।लेकिन मास्क और सोशल डिस्टेंस का पालन कही नही दिखाई दिया।विशेष कर शासकीय संस्थानों में ।चाहे डाक घर हो या जिला सहकारी बैंक या बाजार में खरीददारी करने आये लोग ।मास्क और सोशल डिस्टेंस की हिदायत का पालन करते नजर नही आये।बस इतना ही उनके दिमाग मे था कि उनका काम कितनी जल्दी पूरा हो।
बिलासपुर जिले में 22 से 28 सितंबर तक लागू किया गया लॉक डाउन आज खुल गया। लॉक डाउन खोलते समय शासन द्वारा यह निर्देश भी जारी किया गया था कि मास्क और सोशल डिस्टेंस की गाइड लाइन का पालन सख्ती से और अनिवार्य रूप से किया जाए।हफ्ते भर से घरों में बंद लोग बिना काम के भी बाजार और सड़कों में घूमते दिखाई दिए।जैसे कई महीनों बाद कैद से छूटे हों।इस दौरान कुछ लोगो ने तो मुह पर मास्क लगाए थे मगर कुछ ने लगाने की जरूरत ही नही समझी।वही सामाजिक दूरी का भी पालन दिखाई नही दिया।यह स्थिति शासकीय संस्थानों विशेषकर डाक घर और जिला सहकारी बैंक में दिखाई दिया।डाक घर मे आज कल महाविद्यालयीन विद्यार्थियों की भीड़ दिखाई दे रही है।इसकी वजह महाविद्यालय के परीक्षार्थियों द्वारा उत्तर पुस्तिका का विश्व विद्यालय भेज जाना है।परीक्षार्थियों को कोविड के संक्रमण से बचाने के लिए उच्च शिक्षा विभाग द्वारा पहले महाविद्यालय से उत्तर पुस्तिका लेकर घर पर लिखने का निर्देश दिया गया था।लेकिन उत्तर पुस्तिका लेने और जमा करने में भीड़ लगती देखकर ऑनलाइन प्रश्न पत्र देकर खुद ही घर पर लिखकर पोस्ट से उत्तर पुस्तिका विश्वविद्यालय भेजने की व्यवस्था दी गयी ।लेकिन परीक्षार्थियों ने यहाँ भी अपनी सुरक्षा का ध्यान नही रखा और डाक घरों में भीड़ लगाकर बिना मास्क और सोशल डिस्टेंस का पालन किये कोरोना का संक्रमण आमंत्रित करने में कोई कसर नही छोड़ी ।यही स्थिति आज हफ्ते भर बाद लॉक डाउन खुलनेन्के बाद भी देखा गया।डाक घर मे आज भी परीक्षार्थी बिना सोशल डिस्टेंस का पालन किये और बिना मास्क के उत्तर पुस्तिका जमा कराते नजर आए।डाक विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने भी इस ओर ध्यान नही दिया कि परीक्षार्थी बिना सोशल डिस्टेंस का पालन किये भीड़ लगाकर खड़े हैं,और मास्क के गाईड लाइन का भी पालन नही कर रहे है।
यही दृश्य जिला सहकारी बैंक में भी नजर आया।जहां ग्रामीण क्षेत्र से आये खातेधारक बिना मास्क लगाए और सोशल डिस्टेंस की धज्जियां उड़ाते खड़े है।और यहाँ वहां जहां पा रहे वहां गुटखा पान खाकर थूक रहे हैं,बीड़ी सिगरेट का बड फेंक रहे है।बैंक प्रबंधन भी इस ओर लापरवाह दिखाई दिया और मास्क पहननेऔर सोशल डिस्टेंस बनाये रखने की अनिवार्यता के प्रति उदासीन नजर आए ।जबकि जिला सहकारी बैंक में एक बैंक कर्मी महिला कोरोना पॉजिटिव भी पाई गई थी और इस कारण बैंक को बंद भी रखना पड़ा था।लेकिन सबक नही लेने की तो जैसे सभी ने ठान रखा है। जिला सहकारी बैंक में आस पास के कई गाँव के ग्रामीण आते है।22 से 28 सिंतबर तक जब नगरीय निकायों में लॉक डाउन था तो ग्रामीण क्षेत्र में किसी प्रकार का लॉक डाउन नही था।इससे संक्रमण ग्रामीण क्षेत्रो से पुनः नगर में आने की संभावना बलवती हो जाती है।और जब इस तरह सुरक्षा उपायों के निर्देशों की अवहेलना होती रहेगी तो कोरोना से जंग जीतना मुश्किल हो जाएगा।