मस्तूरी
सूरज सिंह-वन विभाग और राजस्व विभाग के मूक दर्शक बने होने का लाभ सरपंच अपनी मनमानी करते हुए हरे भरे संरक्षित पेड़ों को काट रहे है।ग्राम पंचायत में बिना ग्रामसभा किये प्रस्ताव बनाकर दबंगई की जा रही है।अधिकारी केवल जांच कर कार्यवाही करने बात कह रहे हैं।
बिलासपुर जिले के मस्तूरी क्षेत्र में प्रशासन की लापरवाही के कारण पेड़ों की अवैध कटाई रुकने का नाम नहीं ले रहा है।सरपंच फर्जी प्रस्ताव बनाकर प्रशासन की अनुमति के बिना हरे भरे संरक्षित पेड़ो को कटवा रहे है ।मामला ग्राम पंचायत भरारी का है,जो जगल से लगा हुआ है।वही पास की में जमीन गोठान का भी निर्माण कार्य कराया जा रहा हैं ।उसी जमीन में भी साजा का पेड़ लगा हुआ है,जो संरक्षित पेड़ है बिना अनुमति काटने की मनाही है।जिस जगह पर वहा साजा की बेशकीमती पेड़ लगा हुआ है सरपंच और पटवारी के देखरेख में सरपंच पति ने अवैध तरीके से 10 से 15 पेड़ो की कटाई कर दी। इसके लिए न तो राजस्व और वन विभाग से अनुमति ली गयी है।जब सूचना दी गयी तो आनान फानन में चिल्हाटी सर्किल के वनकर्मी रामाधार बंजारे भरारी गांव पहुच कर जायजा लिया और एक झूठा प्रतिवेदन तैयार कर राजस्व का मामला बताकर महिला सरपंच शिवकुमारी का हस्ताक्षर कर रिपोर्ट दे दिया । वन विभाग एवं राजस्व अमला अब इस मामले को दबाने में लगे हुए है ।चुप्पी साधे बैठे हैं लेकिन इसमे वन विभाग अवैध रूप से हो रहे पेड़ों की कटाई पर किसी प्रकार का करवाई नहीं कर रहे हैं ।मस्तूरी क्षेत्र में जवाबदार अधिकारियों की उदासीनता की वजह से आए दिन राजस्व के साथ-साथ वन विभाग एवं खनिज विभाग की खुलेआम अवैध रूप से कारोबार कर रहे दलाल लोग शासन प्रशासन के नियम एवं कानून का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं। इन सब की जानकारी होने के बावजूद जवाबदार अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं।इस समय हरे भरे पेड़ो की अवैध तरीके से कटाई जारी है। हरे पेड़ो की कटाई से जहा शासन की ओर से कटाई पर रोक लगाया गया हैं,लेकिन लकड़ी माफिया पेड़ो की कटाई कर रहे हैं ।जिसके कभी हरा भरा दिखने वाले जंगल वीरान होने की कगार में हैं,जबकि वन विभाग के कर्मचारियों सब देखते हैं, लेकिन कुछ बोलते नही ।वन विभाग पौधा रोपण की रस्म अदायगी बस कर रहा हैं पर रोपे गए पौधो की सुरक्षा नही होती।जितने लगाए जा रहे उससे ज्यादा पेड़ो की अवैध कटाई जारी हैं ।
सरपंच पति हृदेश पैकरा का कहना है कि गोठान में नाली निर्माण करवाया जा रहा हैं उसके बीच मे आ रहा हैं गांव से ही प्रस्ताव बना है विभागीय अनुमति नहीं मिला है। काटने के बाद पटवारी को भी सूचना दे दिया गया हैं। फिलहाल इस लकड़ी से पलायन से आ रहे मजदूरों के लिए भोजन बनाना है जनपद से किसी प्रकार सहयोग नहीं मिल रहा हैं।
पटवारी ने भी बिना मौका जांच किये ही उसे सूखा लड़की बता रहा है इस सम्बंध पटवारी अपने काम का देख रेख के लिए एक सहयोगी रखा हुआ ।
मस्तूरी एसडीएम मोनिका वर्मा का कहना है मुझे इसके बारे में जानकारी नही हैं जानाकरी ले कर जांच किया जाएगा मामले की जांच कर लड़ी कार्यवाही की जायेगी