तख़तपुर
प्रमोद ठाकुर-लॉक डाउन के दिन जैसे -जैसे गुजरते जा रहे हैं।अपने घरों से दूर कमाने खाने गए मजदूरों के सब्र का बांध टूटता जा रहा है।वे कोई साधन नही मिलने पर भी परिवार सहित अपने गंतव्य की ओर निकल रहे है।ऐसे ही कुछ मजदूर और उनका परिवार रायपुर से पैदल तीन दिन चलकर तख़तपुर पहुंचे। उन्होंने ने बताया कि आगे शहडोल तक जाएंगे।
लॉक डाउन में कई राज्यो और जिलों के मजदूर अपने कर्म स्थली पर ही फंसे हुए हैं।यहाँ काम नही होने और राशन सहित पैसे खत्म हो जाने से उन्हें अपने घरों की याद सताने लगी है।लेकिन सभी प्रकार के आवागमन के साधन बन्द होने के कारण यथा स्थान रहने को मजबूर हैं।परंतु कुछ ऐसे भी लोग है जिनके सब्र का बांध अब टूट रहा है और वे कोई साधन नही मिलने पर भी परिवार को लेकर पैदल ही अपने घरों की ओर निकल रहे है।ऐसे ही कुछ मजदूर अपने परिवार के साथ रायपुर से पैदल चलकर 3 दिन में तखतपुर के चुलघट पहुंचे ।उन्होंने बताया कि 2 दिन से उन्होंने ठीक से खाना नहीं खाया है,बच्चे भूखे हैं! तो गांव के युवाओं और अन्य लोगो ने उनके लिए भोजन की व्यवस्था कराई।
उन्होंने बताया कि 27 लोग है पैदल तीन दिन में रायपुर से यहाँ पहुंचे है।जाने के लिए कोई साधन नहीं है ।बीच बीच में गांव में शहरों ऐसे ही लोगों की सहायता ले रहे हैं।आगे उन्हें शहडोल तक जाना है।गांव वालों का कहना था कि जल्द से जल्द ऐसे लोगो को उनके उचित स्थान में पहुंचाने के लिए शासन व प्रशासन को महत्वपूर्ण कदम उठाना चाहिए।