बिलासपुर
नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया भाजपा कांग्रेस दोनो में चल रही है।भाजपा जहां अपने स्तर पर सर्वे और कार्यकर्ताओ से चर्चा के द्वारा प्रत्याशियों की जमीनी हकीकत खंगाल रही है।वहीं कांग्रेस चुनावी आवेदन मंगाकर कार्यकर्ताओ की मंशा टटोल रही है। उसके बाद ब्लॉक और जिला अध्यक्षो द्वारा अनुशंसा कर नाम प्रदेश प्रतिनिधि और हाई कमान तक भेजी जा रही है।जहां से प्रत्याशियों का चयन किया जाएगा।

अखबारों में छपी खबर को माने तो बिलासपुर जिले में कुछ सीटों पर कांग्रेस के लिए प्रत्याशियों की भीड़ है ।तो कुछ में तीन से चार नाम फाइनल कर प्रदेश स्तर चुनाव समिति को भेजे जा रहे है। बिलासपुर की 6 सीटों में से तखतपुर और बिलासपुर कांग्रेस के पास है ।जबकि बिल्हा, मस्तूरी और बेलतरा भाजपा के पास और कोटा सीट जेसीसीजे के पास है। बेलतरा और कोटा में कांग्रेस के दावेदारों की भीड़ है ।खासकर बेलतरा में तो लगभग सौ के आसपास आवेदन आए हैं।बिलासपुर में बैठक के बाद अलग अलग सीटों से भेजे गए नामो की जो चर्चा अखबारों में छपी है उसके अनुसार तखतपुर विधायक की जगह इस बार उनके पति आशीष सिंह का नाम भेजा गया है।हालाकि पिछली बार भी आशीष सिंह अपने लिए ही टिकट की मांग कर रहे थे। लेकिन ऐन मौके पर परिस्थितियां ऐसी बनी की रश्मि सिंह के नाम की घोषणा हो गई।
लेकिन इस बार आवेदन की प्रक्रिया में दोनो ने भाग लिया था और दोनो ने ही खुद को प्रत्याशी बनाए जाने की मांग की थी।मगर स्क्रीनिंग कमेटी की सदस्य नेटा डिसूजा के द्वारा ली गई वन टू वन मैराथन बैठक के बाद तखतपुर सीट के लिए पैनल में आशीष सिंह, संतोष कौशिक और जगजीत सिंह मक्कड़ के नाम आगे बढ़ाए जाने की चर्चा है।ऐसे में लोगो के बीच इस बात की चर्चा चल निकली है कि क्या कांग्रेस वर्तमान विधायक का टिकट काटने जा रही है?पैनल में आशीष सिंह के नाम होने का मतलब है कि परिवार में से किसी एक का नाम भेजा गया है।इसी तरह मक्कड़ परिवार से जगजीत सिंह के अलावा उनके बेटे आत्मजीत और पत्नी सुरेन्दर कौर ने भी आवेदन दिया था।जिसमे से जगजीत सिंह के नाम को आगे बढ़ाया जा रहा है। लेकिन सीटिंग एमएलए का नाम नहीं होने के कई मायने निकाले जा रहे हैं।लोगो का कहना यह है कि नाम सीटिंग एमएलए रश्मि सिंह का आगे बढ़ाया जाना चाहिए फिर टिकट आशीष सिंह के नाम पर ही क्यों दे दिया जाए।रश्मि सिंह का नाम आगे नहीं बढ़ाए जाने को विधायक के प्रति जनता और कार्यकर्ताओ के बीच नाराजगी और अविश्वास के तौर पर भी देखा जा सकता है।कांग्रेस के आगे भेजे जा रहे पैनल में एक सीटिंग एमएलए के रूप में रश्मि सिंह का नाम आशीष की जगह होना चाहिए था।लेकिन पार्टी और कार्यकर्ताओ के स्तर पर हुई चर्चा में क्या बात कही गई यह तो चर्चा में भाग लेने वाले जाने। लेकिन अखबर में छपी पैनल में भेजे जा रहे नामो की सूची देखकर तो यही लगता है कि इस बार तखतपुर में कांग्रेस चेहरा परिवर्तन कर रही है।
1996 से लेकर 2013 तक के इतिहास को देखें तो बलराम सिंह और आशीष सिंह ही प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस की पसंद रहे हैं।लेकिन 2018 में भाजपा द्वारा महिला प्रत्याशी लाए जाने पर इस सीट से आशीष सिंह की पत्नी और बलराम सिंह की बहु रश्मि सिंह को प्रत्याशी बनाया गया।एक बार फिर से आशीष सिंह का नाम आगे भेजा जा रहा है।बता दें कि तखतपुर सीट के लिए कार्यकर्ताओ के बीच से 29 नाम दावेदारों के रूप में सामने आए है।इनमे पूर्व विधायक जगजीत सिंह, आत्मजीत सिंह, संतोष कौशिक ,प्रदीप ताम्रकार,जितेंद्र पांडेय , शिवबालक कौशिक, जैसे कर्मठ कार्यकर्ता शामिल है।