बिलासपुर
बिलासपुर पुलिस कप्तान संतोष सिंह ने आज लापरवाह और गैरजिम्मेदार पुलिस कर्मियों को कड़ी कार्यवाही करते हुए निलंबित कर दिया है।वही एसडीओपी कोटा को कारण बताने के लिए कहा गया है।

रतनपुर दुष्कर्म पीड़िता की मां के मामले में तीन सदस्यीय समिति की जांच रिपोर्ट आने के बाद बिलासपुर पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह ने तत्कालीन रतनपुर थाना प्रभारी निरीक्षक कृष्णकांत सिंह को निलंबित कर दिया है।वही इसी।मामले में एसडीओपी कोटा सिद्धार्थ बघेल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।ज्ञातव्य है कि रतनपुर में एक लड़की के साथ दुष्कर्म का मामला दर्ज किए जाने के बाद दुष्कर्म पीड़िता की मां के विरुद्ध काउंटर एफआईआर करते हुए नाबालिक से अप्राकृतिक यौन शौषण के आरोप में उसे तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।इसके बाद रतनपुर में हिंदूवादी संगठनों और सामाजिक राजनीतिक लोगो ने पुलिस की कार्यवाही को दुर्भावनापूर्ण और झूठा बताते हुए थाने का घेराव कर रतनपुर बंद का ऐलान कर दिया।पुलिस इस मामले में बैकफुट पर आ गई और पुलिस अधीक्षक ने फौरन टी आई कृष्णकांत को लाइन अटैच कर तीन सदस्यीय जांच दल का गठन कर दिया।अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण राहुल देव ,एसडीओपी कोटा सिद्धार्थ बघेल और सिविल लाइन प्रभारी परिवेश तिवारी को शामिल किया गया था।जांच दल को साथ दिन में रिपोर्ट देनी थी।जांच दल ने रविवार को अपनी रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक को सौंप दिया था ।रिपोर्ट के आधार पर प्रथम दृष्टया रतनपुर थाना प्रभारी को मामले में लापरवाही करना पाए जाने पर निलंबित कर दिया गया है।वहीं एसडीओपी सिद्धार्थ बघेल को उस समय थाने में होते हुए भी उच्चाधिकारियों को जानकारी नहीं देने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

अवैध शराब की कार्यवाही में संदिग्ध भूमिका पर कोटा थाना के दो आरक्षक निलंबित एवं एक अन्य प्रकरण में कार्यवाही की सूचना लीक करने पर जांच उपरांत महिला आरक्षक के वेतन में कमी की गई है।एक सप्ताह पूर्व कोटा क्षेत्र में एक डिस्टलरी से निकले 26 पेटी अवैध शराब जप्त की गई थी। जिसमें एफआईआर दर्ज किया गया और तीन आरोपियों को जेल भेजा गया। जिसमें डिस्टलरी के कर्मचारियों की भी मिलीभगत सामने आई है, जिनकी तलाश की जा रही है। उक्त कार्यवाही दौरान कोटा थाने के आरक्षक आशीष वस्त्रकार एवं मिथिलेश सोनवानी की संदिग्ध भूमिका पाई गई थी।जांच कार्यवाही चलने तक दोनो को लाइन अटैच किया गया था। जांच उपरांत सोमवार को दोनो आरक्षकों को पुलिस अधीक्षक द्वारा निलंबित कर दिया गया है।इसी तरह पिछले वर्ष पचपेड़ी थाना में शराब की रेड कार्रवाई में एक महिला आरक्षक पर सूचना लीक करने का आरोप लगने पर विभागीय जांच करवाई गई थी। जांच सिद्ध पाए जाने पर पुलिस अधीक्षक ने संचयी प्रभाव से वेतन में कमी कर दी है और उक्त महिला आरक्षक चंदा यादव को पुलिस लाइन में पदस्थ करने का आदेश दिया है।